ना, वोह मेरा कोई ना था,
बस एक सितारा था, एक hero कुछ फिल्मो का|
फिर भी उन सितारों सा वोह नहीं था
हम जैसा ही तो था वो,
हर एक middle class की inspiration
हर एक TV actor का idol|
उसके कुछ posts ही inspire कर जाते थे हमे,
बतलाता था वो की जिंदगी में बस नाम
और शौहरत ही काफी नहीं
जीवन में कुछ नया हर दिन सीखना है,
हर दिन नए ख्वाबो को पूरा करने की चाह थी
सीखती में उससे, की जिंदगी कैसे जीते है
कैसे अपने diary में लिखे सपने पूरे करते है|
ना, वोह मेरा कोई ना था,
बस एक सितारा था, एक hero कुछ फिल्मो का|
Hero जैसा तो वो था ही नहीं,
हम सब से बात जो किया करता था,
कभी coding, कभी astronomy की बातें,
कभी बस युंह ही philosophical बातें,
आया था वो इस धरती पे कुछ सालो के लिए,
शायद हमे बस बताने की hero, hero नहीं होते
होते है बस हम जैसे इंसान,
फरक बस इतना है
जिसके लिए दुनिया लड़ जाए वो है एक hero
ना की वो जो आवाज ना उठाये
शायद कोई अपना सा लगा हमे|
ना था वोह Maanav, ना Maahi और ना ही Manny,
वोह था बस एक Sushant|
ना, वोह मेरा कोई ना था,
बस एक सितारा था, एक hero कुछ फिल्मो का|