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यूं हसरते तो बहुत की थी हमने
भूल गए थे उन्हें आप को पाने की राह में
पूरी कर लेते उन आधी अधूरी ख्वाहिशों को
अगर तुम हमारे होते
आज तन्हा बैठे हम सोचते हैं
काश तुम मेरे होते!

 

देखते हैं अकेले उस बारिश की बूंदों को
हाथों से रोक लेते हैं उन फुहारों को
भीग लेते और समा लेते अपने आप को उस बारिश में
अगर तुम हमारे होते
आज तन्हा बैठे हम सोचते हैं
काश तुम मेरे होते!

 

कभी सोच ना पाए अपने आप के बारे में
तुम्हें ही तो हमेशा अपना कहा हमने
तो इस दुनिया की भीड़ में खो ना जाते हम
अगर तुम हमारे होते
आज तन्हा बैठे हम सोचते हैं
काश तुम मेरे होते!

 

होता एक खुश परिवार हमारा तुम्हारा
तलाशते एक नया बचपन प्यारा
यूं अकेले पेड़ की छाव में ना बैठे होते आज
अगर तुम हमारे होते
आज तन्हा बैठे हम सोचते हैं
काश तुम मेरे होते!

 

लगा रहे चक्कर इस अस्पताल के
हार गए हैं सब मेरी बीमारी का कारण पूछकर
दवाइयों के सहारे जीना रहे होते यह जिंदगी
अगर तुम हमारे होते
आज तन्हा बैठे हम सोचते हैं
काश तुम मेरे होते!

 

पा लेगा तुम्हें कोई और जल्द ही
पर रहोगे हमेशा मेरे मन में ही
दिल से पा लिया है सदा तुम्हें
अब नहीं कर सकता कोई जुदा तुमसे हमें
अब नहीं कहेंगे यह कभी
अगर तुम हमारे होते
आज तन्हा बैठे हम सोचते हैं
काश तुम मेरे होते!

 

Photo credit: Felix Russell-Saw

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