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अकेले ही आये हों, अकेले ही जायेंगे
यह दुनिया चाहे कितनी ही अपार है
हर कोई बस दो पल का साथी है

 

कोई समझे तुम्हे इस भीड़ में
वह इंसान तो सिर्फ तुम ही हों
कोई प्यार करे बिना स्वार्थ के तुमसे
देखो जरा आईने में वह तो तुम ही हों

 

जो कल था वह आज नहीं है
जो आज है वह कल नहीं होगा
सब कुछ चन्द लम्हो का खेल है यह
जो ख़तम हों जायेगा किसी भी वक़्त

 

न लगाओ दिल किसी से भी तुम
वह तुम्हारा जो नहीं है
कल तुम से दूर हों जायेंगा
तो खुद को कैसे संभालोगे

 

अकेले ही आये हों, अकेले ही जायेंगे
यह दुनिया चाहे कितनी ही अपार है
हर कोई बस दो पल का साथी है

 

Photo Credit: Nitish Meena

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